Wednesday, April 24, 2019

मैं और मेरा वज़ूद


   
तू खुद की खोज में निकल,
तू किस लिए उदाश है।

तू चल तेरे #वजूद की,
समय को भी तलाश है।।

तू #वजूद की तलब ना कर,
है तेरा हक रूह तक सफर तो कर।।।


तू खुद की खोज में निकल,
तू किस लिए हताश है।

तू चल तेरे ईमान की,
गमों को भी तलाश है।।

है फितरत नहीं मेरी गमों को मैं बयां करू,
है मेरा #वजूद अगर तो छू के तू महसूस कर ।।।

मुझको मेरे #वजूद की हद तक न जानिए,
बेहद हूँ, बेइंतेहा हूँ, बेहिसाब, लाजवाब हूँ ।


"मैं और मेरा #वजूद"

     📝
सोमवीर सिंह